विश्व के महान उपन्यासकार प्रेमचंद के वरदान का संदेश यही है कि व्यक्ति को मोह त्यागकर सामाजिक भलाई के कामों में जुटे रहना है। सुवामा का पुत्र प्रताप ऐसा ही पात्र है जो बालाजी बनकर दुखी दरिद्रों दलितों तथा छोटी जाति के लोगों की निस्वार्थ सेवा करता है। इसमें नारी की दुर्दशा विरजन के माध्यम से चित्रित हुई है जो बेमेल विवाह की विडंबना को झेलती रहती है।
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