द लास्ट हीरोज़ किताब में भारतीय स्वतंत्रता के ये पैदल सैनिक हमें अपनी कहानियाँ बताते हैं। वे अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं उनमें नास्तिक और आस्तिक वामपंथी गांधीवादी और अंबेडकरवादी शामिल हैं।पुस्तक की तस्वीरों में दिए गए लोगों ने दिलचस्प सवाल उठाया : स्वतंत्रता क्या है? उनमें से लगभग सभी ने वर्ष 1947 के बाद भी लंबे समय तक आज़ादी के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी। 1947 के बाद की पीढ़ियों को भारतीय स्वतंत्रता के पैदल सैनिकों की कहानियों की ज़रूरत है। यह जानने के लिए कि आज़ादी और स्वतंत्रता एक चीज़ नहीं हैं।
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