‘एमेके’ वास्तव में जिप्सी युवती की गाथा ही है। गाथा कि जिसमें क्लासिक स्पर्श भी होता है और महान् होने का गुण भी। जोसेफ़ को स्वयं यह रचना इतनी प्रिय रही कि इसे अपनी संतान तक कह दिया। इसमें मास्टर की सम्पादक की एमेके के साथ अद्भुत वार्ताएं हैं जो अध्यात्म और यथार्थ की सटीक व्याख्याएं करती हैं।.
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.