राजनीति में मूल्यों का पतन वंशवाद गुंडागर्दी भ्रष्टाचार धार्मिक भावनाओं की राजनीति और व्यावसायिक इस्तेमाल जैसे अनेक विषयों पर महीप सिंह ने जमकर लिखा है और यह साबित कर दिया है कि इस अखाड़े के भी वे जबर्दस्त खिलाड़ी हैं। इसी कारण पाखंड अधिक बढ़ गया है और इस पुस्तक में संकलित व्यंग्यों के माध्यम से पाखंड पर करारी चोट करके लेखक ने समाज व दीन दुनिया को सावधान किया है|
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