आक के पत्ते उन चरित्रों की कहानी है जिनके जीवन में कटुता के प्रतीक आक के पौधे पनपते हैं और उनके स्वर्णिम भविष्य को ग्रस लेते हैं। इस कथा को पढ़ते हुए पाठक का मन गहरी संवदेना से भर उठेगा। यह उपन्यास सामाजिक विडंबनाओं का मुंहबोला चित्र है जो पाठक के मन में गहरी व्यथा भर देता है| About the Author अमृता प्रीतम पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थी। अमृता प्रीतम का जन्म 1919 में गुजरांवाला पंजाब (भारत) में हुआ। उनका बचपन लाहौर में बीता और शिक्षा भी वहीं हुई। किशोरावस्था से उन्होंने लिखना शुरू किया। उन्होंने सौ से अधिक कविताओं की किताब लिखी साथ ही फिक्शन बायोग्राफी आलेख और आत्मकथा लिखकर साहित्य में नया मुकाम हासिल किया|
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